आज सूर्य ग्रहण; इसके बाद 8 नवंबर को लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण

 

 

आज कार्तिक अमावस्या पर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। जो कि खत्म होते वक्त देश के उत्तर-पश्चिमी और बीच के हिस्सों में कुछ घंटों के लिए दिखेगा। इसका अशुभ असर देश पर रहेगा और सूतक भी होगा। इसलिए पूरे दिन पूजा पाठ और धार्मिक काम नहीं किए जा सकेंगे। सूर्य ग्रहण की वजह से ही गोवर्धन पूजा एक दिन आगे बढ़ गई हैं। जो कि 26 को मनेगी।

अमावस्या पर होने वाले इस सूर्य ग्रहण के 15 दिन बाद यानी 8 नवंबर को कार्तिक महीने की पूर्णिमा पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगेगा जो कि पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। ये ग्रहण भी भारत में दिखेगा। इसलिए ये खगोलीय नजरिये से खास तो रहेगा साथ ही धार्मिक रूप से इसका महत्व रहेगा। इस पर्व पर चंद्र ग्रहण करीब 40 से 45 मिनट तक रहेगा। इसका असर भी देव दिवाली पर रहेगा। ऐसी खगोलिय घटना पिछले साल मई-जून में भी हुई थी, लेकिन सूर्य और चंद्र ग्रहण देश में नहीं दिखे थे।

आज लगने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक
आज लगने वाले आंशिक सूर्य ग्रहण का धार्मिक महत्व तो रहेगा। ये खगोलीय और ज्योतिषीय नजरिये से भी खास माना जा रहा है। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इस ग्रहण का असर 12 राशियों के साथ ही देश-दुनिया पर भी पड़ेगा। इस कारण प्राकृतिक आपदाएं आने और राजनीति बदलाव होने के संकेत दिख रहे हैं। साथ ही इस ग्रहण से कई लोग मानसिक तौर से परेशान भी रहेंगे।

8 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण
8 नवंबर, मंगलवार को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा। ये 15 दिन में होने वाला दूसरा ग्रहण होगा। ये भी भारत में दिखेगा। साथ ही उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तरी प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में दिखेगा। इसलिए इन जगहों पर इस ग्रहण का असर भी होगा। भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण शाम करीब साढ़े 5 बजे के बाद शुरू होगाा। जो कि शाम 6.19 तक रहेगा। तकरीबन डेढ़ घंटे के इस ग्रहण को भारत में देखा जा सकेगा।

15 दिन में 2 ग्रहण का देश-दुनिया पर असर
डॉ. मिश्र बताते हैं कि 15 दिन में 2 ग्रहण होने से प्राकृतिक आपदाएं या मौसम में अचानक बदलाव हो सकता है। तेज हवा, आंधी, भूकंप या लैंडस्लाइड होने की आशंका बन रही है। इसके अलावा देश में तनाव और डर का माहौल बन सकता है। देशी सीमाओं पर तनाव बढ़ सकता है। आतंकी घटनाएं बढ़ सकती हैं। प्रशासन में डर रहेगा। कुछ जगहों पर दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं। औद्योगिक विकास कार्यों में गिरावट आ सकती है। व्यापारिक वर्ग में चिंता रहेगी।

 

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